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प्रभाती - दोहा ************ फूल खिले हैं बाग

प्रभाती - दोहा 
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फूल  खिले  हैं  बाग  में, भौंरे  है  मद होश । 
सूर्य किरण की लालिमा, भरदे मन में जोश।। 

ठंडी   ठंडी  ये   हवा , करती  है  मद  होश। 
बस्ती  सारी  शांत  हैं, गालियां भी खामोश।। 

सुबह जल्दी उठकर सदा, प्रभु को करना याद। 
बाकी   सारे   काम  तुम , करना  इसके  बाद।।

©Uma Vaishnav
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#doha