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एक मासूम ख्वाहिश!! बाहों में समेट लूँ तुम्हें एक

एक मासूम ख्वाहिश!! 
बाहों में समेट लूँ
तुम्हें
एक नयी दुनियाँ बना लूँ
मग़र 
बड़ा कमबख्त है ये इश्क़ 
मुकम्मल कब होता है

©हिमांशु Kulshreshtha
  ख्वाहिश थी

ख्वाहिश थी #शायरी

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