तुम्हारा मन ही तुम्हारी नही सुनता तो दुसरे क्या सुनेंगे। दुखी मन मेरे वहां नहीं रहना जहां नही चैना। तुम्हारा मन ही तुम्हारी नही सुनता तो दुसरे क्या सुनेंगे।