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तुम्हारा मन ही तुम्हारी नही सुनता तो दुसरे क्या सु

तुम्हारा मन ही तुम्हारी नही
सुनता तो दुसरे क्या सुनेंगे।
दुखी मन मेरे वहां नहीं रहना
जहां नही चैना। तुम्हारा मन ही तुम्हारी नही सुनता तो दुसरे क्या सुनेंगे।
तुम्हारा मन ही तुम्हारी नही
सुनता तो दुसरे क्या सुनेंगे।
दुखी मन मेरे वहां नहीं रहना
जहां नही चैना। तुम्हारा मन ही तुम्हारी नही सुनता तो दुसरे क्या सुनेंगे।
shravangoud5450

Shravan Goud

New Creator