ना कोई छोटा ना बड़ा, ना कोई अमीर ना गरीब, राग और द्वेष को दूर कर, हम सभी इंसान हो जाएं, ना हिन्दू हो ना मुसलमान, ना जाति हो ना धर्म, ईद के दिन दीवाली और दीवाली में ईद हो जाए, कुरान का मैं पूजा करुँ तू रामायण का कर इबादत, एक दूजे के प्यार में खो जाएं, काश ऐसा हो जाए। 📌निचे दिए गए निर्देशों को अवश्य पढ़ें...🙏 💫Collab with रचना का सार..📖 🌄रचना का सार आप सभी कवियों एवं कवयित्रियों को प्रतियोगिता:-46 में स्वागत करता है..🙏🙏 *आप सभी 6 पंक्तियों में अपनी रचना लिखें। नियम एवं शर्तों के अनुसार चयनित किया जाएगा। 💫 प्रतियोगिता ¥46:- काश ऐसा हो जाए