काव्य ... हमारे भीतर भाव का उद्रेक है एक भावभीनी तरंग है काव्य अप ने से जुड़ने की पहली प्रतीति है पहला साक्षीत्कार है काव्य क़े बिना हमारे जीवन मे वह जो ह्रदय और अदृश्य क़े बीच का सेतुः है वह निर्मित नहीं हो पाताहै. काव्य एक इंद्रधनुष को पृथ्वी और आकाश से जोड़ क़र सारे ध्वदो को मिटा देता है वही काव्य दो किनारो को दो नहीं रहने देता एक कर देता है काव्य क़े लिए ह्रदय को नाचने की कला आनी चाहिए ©Parasram Arora काव्य