हूं तो शायद तेरा अक्ष बनके बहु में तेरा बहार बनके कर्ज हु तेरा वो हिसाब बनके काग़ज़ कलम और दवात बनके रूह से तेरी रुखसार बनके साथ हु तो दीदार बनके करदे अब हिसाब कर्जदार बनके लोटा हु तेरे आशियाने में कोई हार बनके ये मुलाकात है तेरी मेरी यादगार बनके ©Sanidhya Mangal #sanidhyamangal #Love #Trending #Shayari #Pyar #alfaaz #writing #OneSeason