Nojoto: Largest Storytelling Platform

दर्द -ए-दिल हम जाकर किसको सुनाएं, इश्क़ के मारे

 दर्द -ए-दिल हम  जाकर  किसको सुनाएं,
इश्क़ के मारे हैं हम , मोहब्बत  के सताए,

ख़ुश  रहते  हैं  वो  हमसे , दूर  रहकर भी,
क्या जतन करें  ,कि वो ख़्वाबों में न आएं,

दिन रात रहते हैं , उनकी  यादों में गुमसुम,
लिपटे रहते हैं दिल से,उनकी यादों के साये,

आँखों से छलक जाते हैं ,वो अश्क़ बनकर,
वो आकर के  जब जब , होंठो पे मुस्कुराए,

होना  नही था  जब ,  दो  दिलों  का संगम,
ख़ुदा तू ही बता,क्यूँ नयनो से नयन टकराये,

आरज़ू कोई और नही ,बस यही है दिल की,
कि किसी जनम तो रब ,मुझे उससे मिलाए।।

-पूनम आत्रेय

©poonam atrey
  #यादोमेंगुमसुम
#यादों_का_कारवां