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मानें ना माने, ईमान -ए- एहतराम तो हो चुकी है जब स

मानें ना माने, ईमान -ए- एहतराम तो हो चुकी है 
जब से तगमें एैरू - गैरू नथ्थू के नाम हो चुकी है 
हर तरफ लाल ही लाल खुदी होती थी सड़कों पर
 जैसे उनके "दादा -परदादाओं" के नाम हो चुकी है

©अनुषी का पिटारा..
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