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आंखों का इश्क़ सुकून ढुंढता है यहां कही मिल जाएं व

आंखों का इश्क़ सुकून ढुंढता है
यहां कही मिल जाएं वही जा बैठता है
ये वादियां हिमपातों की शरगोशी कर रही है
मौसमी मिजाज को गर्म से ठंडी कर रही है

खिले चेहरे, लाल गुलाबी चेहरे मिल ही जाएंगे
नये नवेले जोड़ों में दो चार सौर करते मिल ही जाएंगे
शौक तो अपना भी है, इन फिजाओं को नजर भर देखूं
दो चार चंद  मुलाकातें हो वह भी नजर भर के देखूं...

©Dev Rishi #skylining #आशियाना
आंखों का इश्क़ सुकून ढुंढता है
यहां कही मिल जाएं वही जा बैठता है
ये वादियां हिमपातों की शरगोशी कर रही है
मौसमी मिजाज को गर्म से ठंडी कर रही है

खिले चेहरे, लाल गुलाबी चेहरे मिल ही जाएंगे
नये नवेले जोड़ों में दो चार सौर करते मिल ही जाएंगे
शौक तो अपना भी है, इन फिजाओं को नजर भर देखूं
दो चार चंद  मुलाकातें हो वह भी नजर भर के देखूं...

©Dev Rishi #skylining #आशियाना