क्यूँ समझ न पाई मजबूरी तू मेरी, यूँ हालातों की कशमकश, और आरजू अधूरी, कि छोड़ कर जो तुझे, चला मैं गया था, तुझसे बिछुड़ कर टूट सा गया था । इंतजार तो था मुझे तेरे बुलाने का, मगर इंतजार कहाँ था फिर तुझे। मेरे लौट आने का। YQ03 #life_lessons#zindagi #YourQuoteAndMine Collaborating with Deepika Jangid #इंतज़ार #yqquotes