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चुनाव चुनाव स्थगित होते ही अदावत भी भूल गए नेताज

चुनाव

 चुनाव स्थगित होते ही अदावत भी भूल गए नेताजी
 जो मिलने पर दिन में तीन बार करते थे प्रणाम
 वही मुंँह फेर कर खड़े हो गए बनकर अनजान
 क्या यही है आज की राजनीति की तस्वीर
चुनाव आने पर ही पहचानते वरना तो पहचानते भी नहीं
अदावत तो दूर हाल चाल भी नहीं पूछते
चुनाव की नजाकत को अच्छी तरह से जानते
दारू और पैसे के बल पर वोट को खरीदते
चुनाव जीत जाने पर किसी को भी नहीं पहचानते

©DR. LAVKESH GANDHI चुनाव
# चुनाव का माहौल#


#hands
चुनाव

 चुनाव स्थगित होते ही अदावत भी भूल गए नेताजी
 जो मिलने पर दिन में तीन बार करते थे प्रणाम
 वही मुंँह फेर कर खड़े हो गए बनकर अनजान
 क्या यही है आज की राजनीति की तस्वीर
चुनाव आने पर ही पहचानते वरना तो पहचानते भी नहीं
अदावत तो दूर हाल चाल भी नहीं पूछते
चुनाव की नजाकत को अच्छी तरह से जानते
दारू और पैसे के बल पर वोट को खरीदते
चुनाव जीत जाने पर किसी को भी नहीं पहचानते

©DR. LAVKESH GANDHI चुनाव
# चुनाव का माहौल#


#hands

चुनाव # चुनाव का माहौल# #hands #कविता