तेरी छाती पर ये नाखून के निशान कह रहे हैं शबे-वस्ल का हाल जिसे किसी मेरे जैसे दरिंदे ने जबरदस्ती तुझे बांधकर तेरी रज़ा के बिना गुज़ारी हैं पिछली शब। तेरी रूह चीख रही उस दर्दनाक मंज़र से जब किसी ने अपनी हैवानियत में मुब्तिला होकर अपनी जीन्स की ख्वाहिश