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तन्हाइयों का सफर हमे अकेले तय करना है । ठोकर खाकर

तन्हाइयों का सफर हमे अकेले तय करना है ।
ठोकर खाकर गिरे तब भी गिर भी सम्भलना है ।
आंखो का कसूर है
 कि इंसान को पहचान में भूल कर बैठी
खुद की पहचान खुद ही को बनानी है ॥
राहें बदल कर चलना मुश्किल है ।
अतीत के पन्नों पर इतिहास नया फिलपना .

©Shakuntala Sharma
  #Tanhai अकेले तय करना है ।

#Tanhai अकेले तय करना है । #शायरी

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