कभी समंदर का शान्त मैं तो कभी नदियो का उफान मैं कभी तपती धूप का घाव मैं तो कभी उमड़ते मेघो की ठंडी छाव मैं कभी बारिश के बुंदो की बौछार मैं तो कभी बारिश का सिर्फ आसार मैं कभी गीता का एक सार मैं तो कभी एक पुरा कुरान मैं कभी मंदिरो की साँझ मैं तो कभी मस्जिदों की अज़ान मैं कभी किसी के होठों की मुस्कान मैं तो कभी किसी के दुखो की पहचान मैं कभी किसी के नजरो का ऊलझा सवाल मैं तो कभी किसी दिल के सुकुन का सुलझा जवाब मैं कभी खो रही ज़िन्दगी का आस मैं तो कभी खुद मे खोयी ज़िन्दगी का सिर्फ एक तलाश मैं सिर्फ एक तलाश मैं ABYEE ©Abhay Anita Kumar #abyee