जागना मुझे पसंद नही बस थोडा और सोना है.. सोम से शुकर काम ही काम यही जीवनभर का रोना है.. पढना लिखना बहोत हो गया वापस नही मुझे जाना है.. आखरी है ये चंद ही महीने इसी बात पे दिल माना है.. कोशीश है के नाम कमाऊँ मकाम उँचा मैने पाना है.. कुछ दिन का है ये अंधेरा अपना सुरज मैंने लाना है.. तोडके सारी ये जंजीरे जश्न मैंने मनाना है.. अपनी आजादी डंका मैंने खुब बजाना है.. #Shilps #Hostel_Days #TpWritting #Shilpa_ek_Shayaraaa #ShilpaSalve358