वापसी,किसी की भी मुश्किल,नही नामुमकिन सी है। कोई तरीका है?वापसी का.... शायद..नही ... देखा है ,कभी टूटे तारे को फिर से आकाश की ओर जाते हुए टूटे हुए पत्ते को,फिर से शाखा से जुड़ते हुए आंखों के अश्क को,फिर से आँखो में समाते हुए राख को फिर से,काठ बनते हुए। तो ठहरो,समझो और तय करो वो रास्ता जहाँ जरूरत ही न हो वापसी की।✨🌺 ©purvarth #Thoughts #वापसी_मुमकिन_नहीं