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देखते ही देखते जीवन संगनी संग 35 वां वसंत बीत गए ख

देखते ही देखते जीवन संगनी संग 35 वां वसंत बीत गए
खट्टे मीठे तीखे भी पर हंसते हंसते हम जीत गए,
जीत हार भी प्यार का हिस्सा, कहती वो मनोहारी है
एक दूजे के लिए बनें है यही रीत पुरानी है,
मन सुंदर तो सुंदर हो काया भौतिक सुख केवल है माया
सुख संतति दूजे का प्रेम है नहीं तो सब परेशानी है,
छोटी फुलवारी बहुत ही प्यारी राजदुलारी को लेकर
राजदुलारा प्रत्युष हमारा,मिला हमें बेटी देकर,
अभिनव सोच के साथ मिला हैअभिषेक हमारा
अब तो दो दो नतिनी मिली है प्रनू प्रविशा नाम है प्यारा,
भरा पूरा परिवार लेकर बहुत कुछ हम सीख गए
देखते ही देखते  जीवन संगिनी संग 35वां वसंत बीत गए 💕💕💕💕💕💕

©Ashok Verma "Hamdard"
  शादी के वर्षगांठ की शुभ कामनाएं

शादी के वर्षगांठ की शुभ कामनाएं #कविता

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