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White पलकें बंद हुई तो जैसे धरती के उन्माद सो गए,

White पलकें बंद हुई तो जैसे
धरती के उन्माद सो गए,
पलकें अगर उठी तो जैसे बिन बोले संवाद हो गए,
जैसे धूप चुनरिया ओढ़े आ बैठी हो छाँव में,
ऐसे गीत उतर आते हैं मेरे मन के गाँव में l
😊😊😊

©प्रभाकर अजय शिवा सेन
  #पलकेंबंदहुईतो