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Written by Harshita ✍️✍️ #Jazzbaat हस्ते चहरे के प

Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
हस्ते चहरे के पीछे दौड़ता ज़माना है
हालातो की बस्ती में रास्तों पर मरता नज़राना है

किसने समझा होगा वो दिल में सिले सवालों को
इंसान ही रोज़ मरता अंतर में के सवालों को

पूछता ख़ुद से काली स्याही सी रातों के सन्नाटे को
दिल से बवंडर मचता पर फिर भी बस मुस्कुराता दूसरो को दिखाने को

क्या यही ज़िन्दगी की सच्चाई है दूसरों को दिखाने को
अंदर ही घुटता सदमा लगाता उपर दिल दूसरों का बहलाने को

हस्ती मिटती हाथों में समेटे लाखो रुपए आजमाने को
निष्फल हो जाती ज़िन्दगी ख़ुद की ही ख़ुद के हाथों पड़तापित करने को

जीवन की सूत्रधार सांसे बस कुछ खुल कर जी लेने दो
दिल में भरे दर्दं रिसता शीर सी पिघलता रहा फसाद मचाने को।
 #rip #respect #lifequote #zindagi #yqbaba #yqdidi #yqtales 
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
हस्ते चहरे के पीछे दौड़ता ज़माना है
हालातो की बस्ती में रास्तों पर मरता नज़राना है

किसने समझा होगा वो दिल में सिले सवालों को
इंसान ही रोज़ मरता अंतर में के सवालों को
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
हस्ते चहरे के पीछे दौड़ता ज़माना है
हालातो की बस्ती में रास्तों पर मरता नज़राना है

किसने समझा होगा वो दिल में सिले सवालों को
इंसान ही रोज़ मरता अंतर में के सवालों को

पूछता ख़ुद से काली स्याही सी रातों के सन्नाटे को
दिल से बवंडर मचता पर फिर भी बस मुस्कुराता दूसरो को दिखाने को

क्या यही ज़िन्दगी की सच्चाई है दूसरों को दिखाने को
अंदर ही घुटता सदमा लगाता उपर दिल दूसरों का बहलाने को

हस्ती मिटती हाथों में समेटे लाखो रुपए आजमाने को
निष्फल हो जाती ज़िन्दगी ख़ुद की ही ख़ुद के हाथों पड़तापित करने को

जीवन की सूत्रधार सांसे बस कुछ खुल कर जी लेने दो
दिल में भरे दर्दं रिसता शीर सी पिघलता रहा फसाद मचाने को।
 #rip #respect #lifequote #zindagi #yqbaba #yqdidi #yqtales 
Written by Harshita ✍️✍️
#Jazzbaat
हस्ते चहरे के पीछे दौड़ता ज़माना है
हालातो की बस्ती में रास्तों पर मरता नज़राना है

किसने समझा होगा वो दिल में सिले सवालों को
इंसान ही रोज़ मरता अंतर में के सवालों को

#RIP #RESPECT #lifequote #Zindagi #yqbaba #yqdidi #yqtales Written by Harshita ✍️✍️ #jazzbaat हस्ते चहरे के पीछे दौड़ता ज़माना है हालातो की बस्ती में रास्तों पर मरता नज़राना है किसने समझा होगा वो दिल में सिले सवालों को इंसान ही रोज़ मरता अंतर में के सवालों को