heart मेरा मन अजीब सा रिश्ता है यह तेरा मेरा मेरे खयालों पर है तेरा पहरा सुनता है हर बात तसल्ली से बड़े करता है वही जो अच्छा तुझे लगे। चेहरा तो नहीं पर आईना मुझे दिखाता है मेरी हर गलती पर तू मचल जाता है छोटी-छोटी बातों पर तू घबराता है पर हर मुश्किल हंँसकर झेल जाता है शरारतों और नादानियों पर तू इतराता है कहीं-कहीं पर फिसल भी जाता है पर टूट कर जुड़ना भी तुझे आता है तू मेरा हौंसला बन जाता है। सही गलत कुछ समझ नहीं आता है तू जो करता है वही सच बन जाता है हर रंग जिंदगी के सजाता है पर खुद होकर भी कहीं खो जाता है। अजीब सा रिश्ता है यह तेरा मेरा तेरे साथ रहता है यह साया मेरा कभी देखा नहीं तेरा चेहरा मेरे खयालों पर है तेरा पहरा। Sona स्वरचित (Vinita Sharma) ©Vinita Sharma #man_ki_baat