अपनों के दर्द लिए बैठे थे दवा के इंतजार में, झूठा इश्क किए बैठे थे वफ़ा के इंतजार में! वो ना आई तो कोई और ही सही, कब-तक रहते उस बेवफ़ा के इंतजार में! जिंदा तो था मैं, मगर सांसें बंद थी सदियों से हवा के इंतजार में! मौत आई थी लेने मुझे बरसों पहले, रोके रखा उसे खुदा के इंतजार में! #Short_Shayari