#Kargil अगर तुम ये सोचते हो कि तुम्हारे लहू का ही रंग लाल है जरा देखो वतन की शरहदों को कितने वीरों ने अपने लहू से सींचा है इसे। अगर तुम ये सोचते हो कि ये आवो हवा तुम्हारी कमाई से है। जरा देखो वीर सेनिकों की आँखों में कितनी ही रातें गवाई है वतन की तैनाती में। अगर तुम ये सोचते हो कि पगार बोने से ही तुम को भोजन से भरी थाली मलती है। जरा देखो हर उस जमीं को जहाँ दफन हुई या जली है चिताऐं शहीदों की। तुम ये कहते हो कि भगत,सुभाष,आजाद,राजगुरू अब है कहाँ।