जय परमेश्वर यहबनीये संसारको मरवानाचाहतेहें तोराक्षसीपापसे पहले-बुध्धीभ्रष्ट-करदेतेहें ओर,फीर,आपुसमे लङाकरके मार;देतेहें ओर जोकिःहिंन्दुस्तांनमेःहिंन्दु मुसलमांनकी ओलादहे!उनहोंको!यह;बनीयेःदुसरी बादशाहतकोलाके अपने राक्षसीपापसे अकल खराबकरके मरवादेंगे सोईसबातको कुलजहांनकेःलोगजांनतेहें बलके दीन२ अपनीआंखोंसे-देखतेहीजातेहें तोभीखयाल नहीकरतेहें किअबईससेभी जीयादाखराब ओर नाजुकवक्तः आवेगा..... परंन्तु यह-खयाल-दुनीयामे कोईभीसाहब नहीकरतेहें किबनीयोंके घरका राक्षसीपापहे.... ( ६० ) अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.) ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५ M. No. :- 8905653801 www.jagathitkarnioriginal.org ©JAGAT HITKARNI 274 जय श्री राम जय हनुमान हिंदी भक्ति गाना भक्ति वीडियो गाने भक्ति गीत