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lalitpurohit0197
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JAGAT HITKARNI 274

अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७ (राज.) ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५ M. No. :- 8905653801 www.jagathitkarnioriginal.org

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JAGAT HITKARNI 274

जय परमेश्वर 
उस.परमेर्श्वनेतो सबको ओलाददीहे;ओर;सबको खानेकोदीयाहे वोह कीसीको,कीसीकीसमकी,तकलीफ नहीदेताहे यहतोःसोदागरांनके;पापसेःसबःसंसारकेलोग तरह२की तकलीफें-उठारहेहें-ओर आज सबसाहब;हिंन्दु मुसलमांन अंग्रेजवगेरा ऐकदीलहोकर-बनीयोंके-राक्षसीपापको?छोडावें तोछुटसक्ताहेःओरःपापकेछुटनेसे सबकाभलाहोसक्ताहे सोसबसाहब?ऐकाकरके?बनीयोंके जालको दफेकरो-ताकिफीर-अमन-अमांनहोजावे-ओर अपनेःबच्चेसुखपावें;..... ( ८८ )

अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- 
कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो 
छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७  (राज.)
ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५
M. No. :- 8905653801
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जय परमेश्वर
किजोबनीये-ओलाद-नाहोनेकेबारेमे'पापकरातेहें जब ओरतके'ओलाद'नहीहोतीहे तोवोह ओरत!बांझ!रहजातीहे ओर जीसकेनांमका?पापछोडदेतेहें?तोउसके ओलादहोजातीहे तोफीरवोह-ओरत-बांझ नहीकहलातीहे सोऐसेजाल ओर,फरेब,सबईन बनीयोंकेही हाथमेहे!ईससेजोचाहें-वहीकरसक्तेहें-ईससेमें आपलोगोंको जलदी?वाकीफकरताहूं?किईनके पापको:छोडानेका बंन्दोबस्त जल्दकरो-ताकिफीर-सतजगहोजावे..... ( ८७ )

अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- 
कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो 
छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७  (राज.)
ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५
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जय परमेश्वर 
पहले-अच्छीतरहसे-फलते फुलतेथे ओरःउमरभी. बहोतपातेथे ओर कोईओरतःबांझ नहीरहतीथी ईससेकोईभी!बेओलाद!नहीरहताथा ओर सबके- ओलादहोतीथी ईससे जीयादतीथीःओरःअबतो बेओलाद बहोतसेहें-किजो-ओलाद‌केवास्ते,तरसतेहें,जीसकीवजह यहहे किजोबनीये-ओलाद-नाहोनेकेबारेमे'पापकरातेहें जब ओरतके'ओलाद'नहीहोतीहे तोवोह ओरत!बांझ!रहजातीहे ओर जीसकेनांमका?पापछोडदेतेहें?तोउसके ओलादहोजातीहे तोफीरवोह-ओरत-बांझ नहीकहलातीहे सोऐसेजाल ओर,फरेब,सबईन बनीयोंकेही हाथमेहे!ईससेजोचाहें-वहीकरसक्तेहें-ईससेमें आपलोगोंको जलदी?वाकीफकरताहूं?किईनके पापको:छोडानेका बंन्दोबस्त जल्दकरो-ताकिफीर-सतजगहोजावे..... ( ८७ )

अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- 
कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो 
छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७  (राज.)
ता १७ अप्रेल संन १९०९ झा बैसाष बुदी १२ सं॥ १९६५
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जय परमेश्वर 
ईनबनीयोंने फीरअपना राक्षसीपाप!चलादीया!जोआज दुनीयामे चलरहाहे किजीस;पापसे;कीरोङो;आदमीयोंको हेजावगेराकी बीमारी लगाकरके-मारदेतेहें-ओर साल बसाल?मारतेजातेहें?क्युंकिजीसकदर पहले आदमीथे उसकदर अबकहांहें,बलके,दीन२ओर साल२कमहोतेजातेहें जीसकीवजह यहहे,किईस.जमांनेमेभी राक्षसीपापसे आदमी;कम;पेदाहोतेहें ओर उमरभी,कम पातेहें ओर पहले-अच्छीतरहसे-फलते फुलतेथे ओरःउमरभी. बहोतपातेथे ओर कोईओरतःबांझ नहीरहतीथी ईससेकोईभी!बेओलाद!नहीरहताथा ओर सबके- ओलादहोतीथी ईससे जीयादतीथीःओरःअबतो बेओलाद बहोतसेहें-किजो-ओलाद‌केवास्ते,तरसतेहें,जीसकीवजह यहहे किजोबनीये-ओलाद-नाहोनेकेबारेमे'पापकरातेहें जब ओरतके'ओलाद'नहीहोतीहे तोवोह ओरत!बांझ!रहजातीहे ओर जीसकेनांमका?पापछोडदेतेहें?तोउसके ओलादहोजातीहे तोफीरवोह-ओरत-बांझ नहीकहलातीहे सोऐसेजाल ओर,फरेब,सबईन बनीयोंकेही हाथमेहे!ईससेजोचाहें-वहीकरसक्तेहें-ईससेमें आपलोगोंको जलदी?वाकीफकरताहूं?किईनके पापको:छोडानेका बंन्दोबस्त जल्दकरो-ताकिफीर-सतजगहोजावे..... ( ८७ )

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कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो 
छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७  (राज.)
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जय परमेश्वर 
ईनबनीयोंने फीरअपना राक्षसीपाप!चलादीया!जोआज दुनीयामे चलरहाहे किजीस;पापसे;कीरोङो;आदमीयोंको हेजावगेराकी बीमारी लगाकरके-मारदेतेहें-ओर साल बसाल?मारतेजातेहें?क्युंकिजीसकदर पहले आदमीथे उसकदर अबकहांहें,बलके,दीन२ओर साल२कमहोतेजातेहें जीसकीवजह यहहे,किईस.जमांनेमेभी राक्षसीपापसे आदमी;कम;पेदाहोतेहें ओर उमरभी,कम पातेहें ओर पहले-अच्छीतरहसे-फलते फुलतेथे ओरःउमरभी. बहोतपातेथे..... ( ८७ )

अज तसनीफ साध अनुपदास लीखी- 
कीताब - [ जगतहीतकारनी ] ( २७४ ) तमांम पढ़कर बंन्दोबस्त करो 
छावणी ऐरनपुरामें, शिवगंज - ३०७०२७  (राज.)
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JAGAT HITKARNI 274

जय परमेश्वर 
तुम.संसारकेलोग.ओर राजा बादशाह दीलसे ऐकाकरके-बनीयोंसे-दरीयाफतकरोगे ओर बनीयोंको-सजाअ॓दोगे जब यह बनीये मारेःदहशतकेःआपसे आप पाप करनेकी - जगह को बताअ॓गे अगरचे अब रासतीसे दरीयाफत कीया चाहतेहो तोकभी ; हर गीज नहीबतावेंगे-क्युंकि-यह काफीर जातहे-..... ( ८२ )

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JAGAT HITKARNI 274

सब वलायेतोंमे जब थोडेसे आदमी रहजावेगे जब मेरा  चारकुटमे राजहोजावेगा            तोकोईमेरा  राज छीनन्हीसकेगा  उसीतरहेसे ईनबनीनेभी यहीसोचकर यह जाल चलायाहे ओर पहलेही सबकी अकल  अपने  राक्षसी पापसे खराब  करदेतेहे क्युंकी सातो   आठो   वलायेतोकेलोग   हिन्दूस्तानके   लोभ  केवास्ते  आपुसमे  लडलडके  गारत   होजावेगे    जबसातो   आठो  ओर सब वलायेतो  मे  आदमी  थोडे  रहजावेगे   तोचारकुटमे   हमारेबच्चोंका  राजहोजावेगा  तोफीर  हमारा  राज   कोईन्ही  छीनसकेगा  जबसब   वलायतोंमे आदमी    थोडेरहजावेगे  और  यह   बनीये  यह  जांनतेहे  कीहमारी  ओलाद   जीयादा   रहजावेगी   तोफीर  हमारा राज कोईन्ही  छीनसकेगा   सोतोदुनीयामे  हीन्दुओमे  कहतेहेकी एसाकलजग  आवेगाकी   सो [१०० ] कोस छोटासा ऐकगांवडा   मीलेगा    ओर   मुसलमांनों  मे यह   कहतेहे  कीचोदहवी[१४]सदी एसाबुरा  वकत  आवेगा   कीकाल  वगेरा  बहोतहोगा   ओर  रीजकवगेरा  कमहोगा   सोआदमीको   आदमी खानेलगेगा सो
पहलेेसेही ऐसीऐसी  बातदुनीयांमे   चलादीहें   सोदुनीयामे  अच्छे अच्छे  बडेगुनीलोगकहतेहे सोजेसे   दुनीयांमे  बुराहोनेके   पहलेसे  उसीके मुवाफीक    दुनीयांके  नांमका  ईन्दंजालका पाप करातेहे  वेसाहीबुरा   होजाताहे  ओरयहऐसीऐसी  बातेंबुरा   होनेकी  चलाई  तोबनीयोनेहे   ओर  अगलेस्ती  लोगोंके  सरअपने बचावके  वास्ते   रखदेेतेहे  सोवोह   लोगतो   हमारे  तुमहारे  मुवाफीक   आदमीबंन्दाथे  क्युंकी  रचनातो  पेदाकरंन्तेने रचीहे  उसपेदाकरंन्तेने  अपनेनांम  केवास्ते  क्युंकी  वोहतो  पेदाकरंन्ता  सबसंसार  ओर सबवलायेतोंके  उपर दयारखतेहें  यहतो  काफरी पाप ओर ईंन्द्जालका पाप  करानेवाले  बेईमांन   पाप -- करातेहे  जीससे  दुनीयांमे  ओर ईन्द्जालकापाप  दुनीयांमे  कईबार चलायाहे ओर दुनीयांने  दुखपापाकर छोडायाहे  जबदुनीयां कीओलाद  बचीहे  ओरयह कदीमीजाल याने  ठेटसे बनीयोंका  हीहे  ओरबनीये  लोगोने   हीचलायाहे   ओर रावण  हरनाकस  ओर कंस  कारून  वगेराकोअपने पाप मेसे थोडासा  सीखाकरके   ईनबनीयोहीने  जालमे  डालकरके मरादीयेहे  ओर  कदीमी   जाल  अपनेपासही   रखतेहे ओर  वोह पाप  चोडेन्ही अानेदेतेहे ओर ईनका जाल  पकडान्हीजात

©JAGAT HITKARNI 274 #Thinking
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JAGAT HITKARNI 274

पेज २
करलीहै  और बुद्धि भ्रष्ट करदीहै पापके सबबसे कि जिस दिनसे इस हिंन्दुस्तानमें काल पडाना बल राजाके बादसे शुरू कियाहै सो इन्होंनेभी काल पडापडाके रावण वगैराकी तरहसे लक्षमी और धन काबूमें करलियाहै और जहाजोंमें लाद२के दरियाओंके पार लेगयेहै जेसेकि रावण लंकामें लेगयाथा उसीतरहसे यह बनियेभी दरियाओंके पार लेगयेहै सो यह राक्षसीपाप धन लेनेके वास्ते काल पडानेका पाप चलायाहै सो धन हिंन्दुस्तानका तो काबुमें करलियाहै परन्तु धन हिंन्दुस्तानमें बहुतथा और अलावा इसके दुसरी बादशाहतोंमेंभी बहुतथा जिसका सबुत वैदकी किताबोंमें   लिखाहै कि सतजुगमें; सोनेका ठाट और पाटथा और गरीब गुरबाके घरमें सोने चांदीके बरतनथे और पग पग रत्नोंकी खानें सुनिजातीथी कि जिसकी कुछ गिनती नहीहोसक्तीथी सो राजा बादशाहोंके टोटा- किस बातकाथा इस सबबसे तमाम-----खलकतको यकीन दीलाया जाताहै कि बल राजाके जमाने तक मोजुदहोनेखांनहाये सोना चांदी वगैराके सतजुग रहा क्योंकि उसजमानेमें चांदी सोनेका ठाट और पाटथा और धांन वगैराभी बहुत होताथा क्योंकि सतजुगमें काल वगैरा नही पडताथा इससे धांन वगैरा सतजुगमें बहुत होताथा जबसे इन महाजनानने काल पडाना शुरू कियाहै  जिस दिनसे दिन२जमाना बुरा होताजाताहै और काल वगैरा यह बनिये लोग नहीपडावें तो सदा सतजुगहीहै परन्तु बल राजाके बादसे जो तरह२के रोग और काल वगैरा पडाने शुरू, कियैहै जबसे धन दुनियाका खेंच रहेहै और सबको नीरधन करदियाहै --बलकि  दिन२बुरा   होताजाताहै  सो  यह  फितुर  सौदागरांनके  राक्षसी पापकाहै क्योंकि इनहोंकी दुकांने दूसरी बादशाहतोंमे पहूंचगइहें सो अब ऊनके बालबच्चोंको गारत  करके ऊनका  धनभी काबूमेंकरेंगे कि जिसतरहसे हिंन्दुस्तानको गारत करदियाहै  उसीतरहसे दूसरी  बादशाहतोंकोभी गारत  करेंगे औ
र; अलावा इसके किजिन बादशाहहोंको हिंन्दुस्तानमें लाना चाहतेहै  तो हिंन्दुस्तानका  लोभ बता२के सब   बादशाहोंको गारत करदेंगे और आप मीलेके मीले रहतेहें और हिंन्दु मुसलमानके बच्चोंको दूसरी  विलायतोंसे मरवादेतेहैं और अपने--बच्चोंको  बचाये रखतेहैं और होले२अखीरमें सातों आठों विलायतोंको गारतकरादेवेंगे जैसे कि रावणने दुनीयाके गारत करनेको जाल   चलायाथा   कि ;

©JAGAT HITKARNI 274 #Thinking
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JAGAT HITKARNI 274

परमात्माने  नम
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हजार  हजार शुक्र  उस   जोतीस्वरूप नीरंजन   नीराकारका  है  किं   जिसने जमीन व आसमानको बनाया और तमाम सृष्टिको पैदाकीया परंन्तु उस की  कारीगरीका भेद किसी पर जाहिर नहीहुआ कि क्या भेदहै फिर मेंरी जबानसे ईश्वर परमात्माकी तारीफ अदा   नहीहोसक्ती  और दूसरा मजमुन बतौर समुद्रकेहै सो कलमसे लिखा   जाताह  कि  जो२ करतब मैंने इन सौदागर महाजनान-- के देखे वोह अजब तरहके नजर आये जिससे मुझ गरीब साध अनुपदासको तमांम जहानके हिन्दू  मुसलमान  और साध संत  और पण्डित फकीर और मुल्को  मुल्कोके राजा  महाराजा और सातों और सब------ विलायतोंके बादशाह और दीगर अंग्रेज  वगैराकी खिदमतमें हाथ जोड़कर अरज; करना लाजिम आया कि  जिसको जादुचाला और राक्षस विधा और काफिर विधा और इन्द्रजाल कहतेहै वोह एक किसमका पापहै कि जिस्तरहसे रावण ने चलायाथा और मेह और मौतको कबजेमें करलीथी पापके सबबसे याने होम करा२ के बुध्दी भी भ्रष्ट करदीथी                     इन्द्र जालके पापसे और काल वगैरा, पडा२ करके लक्षमी अपने काबूमें  करके लंकामे लेगयाथा और उसीरहसे--- हिरनाकश राजानेभी चलायाथा और उसीतरहसे कंस राजानेभी  चलायाथा और उसीतरह कारून बादशाहनेभी चलायाथा और रावण हिरनाकश कंस कारून वगैराकी तरहसे बल  राजाके बादसे इन सौदागर महाजनाननेभी ------ राक्षस विधाका पाप चलायाहै सोइन बनियोंनेभी मेहको और मोतको सहारे

©JAGAT HITKARNI 274 #Thinking
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JAGAT HITKARNI 274

सोअब तुम.सब.हिंन्दु मुसलमांन ओरःअंग्रेजःओर सब परमेर्श्वकी-रचना-खयालकरो- किईन बनीयोंने तमांमजहांनकेःलोगोंकीःअकलको खराबकरदीयाहे ओर यहःजाल;अकल;खराब करनेहीकेलीये चलायाहे..... ( ७८ )

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