गीत :- पाकर बेटी खुशी मनाते , कम ही है माँ बाप । बिटिया की प्यारी सूरत पर , रीझ गये हैं आप ।। बेटी पाकर खुशी मनाते.... थोड़ी हम पर थोड़ी तुम पर , आयी है सरकार । इसका भाग्य सँवारे गिरधर , इतनी है दरकार ।। माना जीवन में मेरे है , थोडें से संताप । बेटी पाकर खुशी मनाते , कम ही है माँ बाप ।।... इसको दूजी मनु हम समझे , मन में आज विचार । अस्त्र-शस्त्र का ज्ञान दिलाकर , करना है तैयार ।। लेकिन कलयुग घोर चढ़ा है , इसका पश्चाताप । बेटी पाकर खुशी मनाते , कम ही है माँ बाप ।। नगर-नगर में बाँट मिठाई , खुशियाँ आई देख । दीप जलाओ खुशी मनाओ , बदली जीवन रेख ।। हमको उनमें गिनों न भैय्या , बैठा करूँ विलाप । बेटी पाकर खुशी मनाते , कम ही है माँ बाप ।। चलो करे रघुवर को वंदन , किए मनोरथ पूर्ण । वह तो दाता सारे जग के , करते रहते घूर्ण ।। आज वही आशीष दिए तो , देखो हुआ मिलाप । बेटी पाकर खुशी मनाते , कम ही है माँ बाप ।। पाकर बेटी खुशी मनाते , कम ही है माँ बाप । बिटिया की प्यारी सूरत पर , रीझ गये हैं आप ।। २४/०१/२०२४ - महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR पाकर बेटी खुशी मनाते , कम ही है माँ बाप । बिटिया की प्यारी सूरत पर , रीझ गये हैं आप ।। बेटी पाकर खुशी मनाते.... थोड़ी हम पर थोड़ी तुम पर , आयी है सरकार ।