New Year 2025 जज्बात मेरे उलझते रहे इसीलिए एक छोटी सी बात भी हम दंग से कह न सके मेरे अल्फाज़ो को न जाने क्या हुआ क्यों वे ह्रदय के रेगिस्तान मे जा कर चिपते रहे ©Parasram Arora उकझे जज्बात