मैं दूँगा तुम्हारा साथ (अनुशीर्षक में पढ़ें) मैं दूँगा तुम्हारा साथ प्रात सद्य: स्नात कंधों पर बिखरे केश आँसुओं में जो घुला वैराग्य का संदेश चूमती रह-रह बदन को अर्चना की धूप यह सरल निष्काम पूजा-सा तुम्हारा रूप ये अलौकिक निश्चल सी तुम्हारी मुस्कान