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White तुम्हारे आंचल के अंदर रहूं तो यमराज भी लौट ज

White तुम्हारे आंचल के अंदर रहूं तो यमराज भी लौट जाए,
बच्चे का निवाला कैसे गले से उतरे,जब तक मां न खिलाए,
मुझे याद है बचपन में ,मैं मां के लिए बहुत रोता था,
मां न हो बगल में, रात भर नही सोता था,
स्त्री की संवेदनाओं को समझना, मां ने सिखाया है,
मुझे चांद तारे नदी तितलियां,
सब बचपन में मां ने दिखाया है,
मै स्कूल जाता तो पैर छू कर जाता,
मां सावधानी से जाने को कहती,
कुछ देर से अगर हो जाती आने में,
मां मेरी चिंता में रहती,
हम बच्चो के लिए तुमने अपने सपने तक को छोड़ दिया,
जहां थक हार के बैठा उदासी में,
मां ने तब खुशियों का मोड़ दिया,
मै आज भी जब दुनिया की दौड़ भाग से थक जाता हूं,
मै आराम पाने के लिए,अपनी मां के पास जाता हूं ।।

©Devraj singh rathore #bestofmothersday #devvnai #Best #Love #devrajsinghrathore #devvani 

#mothers_day
White तुम्हारे आंचल के अंदर रहूं तो यमराज भी लौट जाए,
बच्चे का निवाला कैसे गले से उतरे,जब तक मां न खिलाए,
मुझे याद है बचपन में ,मैं मां के लिए बहुत रोता था,
मां न हो बगल में, रात भर नही सोता था,
स्त्री की संवेदनाओं को समझना, मां ने सिखाया है,
मुझे चांद तारे नदी तितलियां,
सब बचपन में मां ने दिखाया है,
मै स्कूल जाता तो पैर छू कर जाता,
मां सावधानी से जाने को कहती,
कुछ देर से अगर हो जाती आने में,
मां मेरी चिंता में रहती,
हम बच्चो के लिए तुमने अपने सपने तक को छोड़ दिया,
जहां थक हार के बैठा उदासी में,
मां ने तब खुशियों का मोड़ दिया,
मै आज भी जब दुनिया की दौड़ भाग से थक जाता हूं,
मै आराम पाने के लिए,अपनी मां के पास जाता हूं ।।

©Devraj singh rathore #bestofmothersday #devvnai #Best #Love #devrajsinghrathore #devvani 

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