अब भी हर वक़्त. ढूंढ़ती रहती है मेरी आँखें. नन्हें पाँव वाली वो नन्हीं सी जान जो पॉंवों मे पहनी पायल से खनकाती थी मेरे घर आँगन को जो धड़काती थी मेरी साँसें और तरंगित करतीं थी मेरे ह्रदय की धमनियों को जो गुदगुदाती थी अपनी किलकारियों से मेरे संवेदित जज्बातों को ©Parasram Arora #नन्हीं सी जान......