नफरत की आग नफरतों की आग में पलना सीखा, लोगों के ख्वाब में जलना सीखा, यूँ ही नहीं लोहा तलवार बन गया, हर रोज उसने अपनों के तानों में जीना सीखा।। #अंकित सारस्वत # #नफरतों की आग में