Nojoto: Largest Storytelling Platform

चल के फिर टूटे हुये सपनों को संजोये, बंजर किस्मत प

चल के फिर टूटे हुये सपनों को संजोये,
बंजर किस्मत पे कर्मों के बीज बोयें,
अंधेरे तो मुफ्त मिलें हैं , दिन ब दिन,
चल के उजाले को बेझिझक ढोयें।।
ये वक्त है वक्त बदलने का ,
और मंजिल तक अनवरत चलने का..।। वक्त, वक्त बदलने का...।।
चल के फिर टूटे हुये सपनों को संजोये,
बंजर किस्मत पे कर्मों के बीज बोयें,
अंधेरे तो मुफ्त मिलें हैं , दिन ब दिन,
चल के उजाले को बेझिझक ढोयें।।
ये वक्त है वक्त बदलने का ,
और मंजिल तक अनवरत चलने का..।। वक्त, वक्त बदलने का...।।
nojotouser7606566046

Vivek Mishra

New Creator