कोSर्थः पुत्रेण जातेन,यो न विद्वान्न धार्मिकः। काणेन चक्षुषा किं वा,चक्षुः पीडैव केवलम् ।। उस पुत्र के उत्पन्न होने से ही क्या लाभ है,जो न विद्वान् है और न ही धार्मिक है।जैसे कि कानी आँख से कोई लाभ नहीं होता,वह तो केवल पीड़ा देने के लिए होती है।वैसे ही ऐसे पुत्र पीड़ा ही देते हैं। पुत्र #yourquotedidi #yourquotehindi #yourfeelings