#2YearsOfNojoto खुद से ही रूठ के खुदको मनायें तेरे लिये... अपने गमों पे हंसके खुदको सतायें तेरे लिये... थी रब से इल्तिजा कि अच्छा कोई मिले... की थी तामाम रात मैनें दुआयें तेरे लिये... जब गार्मियों में तु शदीद पसीने से चूर था... भेजी थीं अपने शहेर की ठण्डी हवायें तेरे लिये... करना था मुखतलिफ तुझे औरों की कतार से... लाते थे रोज तलाश के नयी अदायें तेरे लिये... फिर गर्दो_गुबार यूँ आके मुझसे लिपट पड़े... जैसे कि मैनें दी हों आने की सदायें तेरे लिये... हासिल करेंगे एक दिन ये सोच सोच के... करते रहते थे रोज़मर्रा खतायें तेरे लिये... ख्वाब में छिड़ेगा यकीनन तज़्केरा तेरा... इस झूठ को हकीकत बतायें तेरे लिये... ज़ुल्म सेहते रहते मोहब्बत की आस में... बैठे उदास हम खुद को लूटायें तेरे लिये... ऐ सख्त_दिल रहम कर बस कुबूल कर मुझे... अब और कितने मासूम दिल दुखायें तेरे लिये... रो रो के काटते हैं तन्हाइयों की रात... फिर याद करके सब भूलायें तेरे लिये... होना है हमसफर तो मेरे साथ आओ न... क्यूँ दिल को हिज्र में जलायें तेरे लिये... अब अज़ीयतें मेरी हैं सारी उरूज पर... #तारिक कहाँ तक गम छूपायें तेरे लिये... #untold_TJ* शुक्रिया 😊 love for sharing