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मेरी अना से बढ़कर मुझे कुछ भी नहीं अजीज़ बगावत कर

मेरी अना से बढ़कर मुझे कुछ भी नहीं अजीज़
बगावत कर भी लें इससे अगर बगावत का मोल हो।
वो और होंगे जिन्हें ख्वाहिश होगी दुनिया और दौलत की
हमें तो ये तक नहीं गवारा हमारी मुहब्बत का मोल हो।।।
हमें तो दुश्मन तक के चेहरे पर शिकन नहीं मंजूर
नफरत है तो है क्यों बेवजह नफ़रत का मोल हो!!!
हमारी  बंदगी को देख लोग खुद ब खुद खुदा हो जायें
तब जरूरी है फिर हमारी इबादत का मोल हो ।।।।
निम्मी

©शब्दकार निम्मी
  #Ana