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White - कुण्डलिया - जीवन में आता कभी ,दर्दनाक भी

White  - कुण्डलिया -
जीवन में आता कभी ,दर्दनाक भी मोड़।
जैसे अपने देश को, गयीं हसीना छोड़।।
गयीं हसीना छोड़, भागना थी मजबूरी।
पलभर में बर्बाद, मुल्क में हुई जम्हूरी।।
छीना तख्तोताज, लगा दी आग चमन में।
कैसे-कैसे मोड़, कभी आते जीवन में।।
-हरिओम श्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava #sad_shayari  कविता  कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी
White  - कुण्डलिया -
जीवन में आता कभी ,दर्दनाक भी मोड़।
जैसे अपने देश को, गयीं हसीना छोड़।।
गयीं हसीना छोड़, भागना थी मजबूरी।
पलभर में बर्बाद, मुल्क में हुई जम्हूरी।।
छीना तख्तोताज, लगा दी आग चमन में।
कैसे-कैसे मोड़, कभी आते जीवन में।।
-हरिओम श्रीवास्तव-

©Hariom Shrivastava #sad_shayari  कविता  कविता प्रेरणादायी कविता हिंदी