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स्वतंत्र भारत की सुबह के लिये कितने ही देशवासियों

स्वतंत्र भारत की सुबह के लिये कितने ही देशवासियों ने अपनी आँखें बंद कर ली,कितने ही लाल भारत माँ की गोद में हमेशा के लिये सो गये,कितने ही वीर शहीद हो गये कितने ही वीरों और वीरांगनाऔ के लहू से लथपथ हो गयी थी गुलाम भारत की धरती पर उस समय शहीदों के वदन को तिरंगे में लिपटने का सौभाग्य प्राप्त न था जब शहीदों का देश पर कुर्वान शरीर देश की माटी को छू लेता था तो उसका जीवन व शहीद होना दोंनो सार्थक हो जाते और भारत माँ उन्हें अपने हाथों में लिये चीखती कि कब उसके लाल और लालियों कि कुर्बानियाँ रुकेंगी कब आजादी की सुबह होगी। और आखिरकार वीरों और वीरांगनाऔ का साहस और शाहदत रंग लायी और सन् 1947 में भारत माँ की गुलामी की बेड़ियाँ तोड़ दी भारत के सपूतों ने भारत को एक आजाद कल देकर। मैं उन सभी वीरों और वीरागनाओं को शत् शत् नमन करती हूँ जिनकी बदौलत आज हम सब आजाद भारत में साँस ले पा रहे है। नमन है सब वीर और वीरांगनाओं को शत् शत् नमन है बारंबार नमन है।
                पारुल शर्मा #gif स्वतंत्र भारत की सुबह के लिये कितने ही देशवासियों ने अपनी आँखें बंद कर ली,कितने ही लाल भारत माँ की गोद में हमेशा के लिये सो गये,कितने ही वीर शहीद हो गये कितने ही वीरों और वीरांगनाऔ के लहू से लथपथ हो गयी थी गुलाम भारत की धरती पर उस समय शहीदों के वदन को तिरंगे में लिपटने का सौभाग्य प्राप्त न था जब शहीदों का देश पर कुर्वान शरीर देश की माटी को छू लेता था तो उसका जीवन व शहीद होना दोंनो सार्थक हो जाते और भारत माँ उन्हें अपने हाथों में लिये चीखती कि कब उसके लाल और लालियों कि कुर्बानियाँ रुकेंगी कब आजादी की सुबह होगी। और आखिरकार वीरों और वीरांगनाऔ का साहस और शाहदत रंग लायी और सन् 1947 में भारत माँ की गुलामी की बेड़ियाँ तोड़ दी भारत के सपूतों ने भारत को एक आजाद कल देकर। मैं उन सभी वीरों और वीरागनाओं को शत् शत् नमन करती हूँ जिनकी बदौलत आज हम सब आजाद भारत में साँस ले पा रहे है। नमन है सब वीर और वीरांगनाओं को शत् शत् नमन है बारंबार नमन है।
                पारुल शर्मा
भारत माता की जय
इंकलाब जिंदाबाद
वंदे मातरम्
जय हिंद
जय भारत
स्वतंत्र भारत की सुबह के लिये कितने ही देशवासियों ने अपनी आँखें बंद कर ली,कितने ही लाल भारत माँ की गोद में हमेशा के लिये सो गये,कितने ही वीर शहीद हो गये कितने ही वीरों और वीरांगनाऔ के लहू से लथपथ हो गयी थी गुलाम भारत की धरती पर उस समय शहीदों के वदन को तिरंगे में लिपटने का सौभाग्य प्राप्त न था जब शहीदों का देश पर कुर्वान शरीर देश की माटी को छू लेता था तो उसका जीवन व शहीद होना दोंनो सार्थक हो जाते और भारत माँ उन्हें अपने हाथों में लिये चीखती कि कब उसके लाल और लालियों कि कुर्बानियाँ रुकेंगी कब आजादी की सुबह होगी। और आखिरकार वीरों और वीरांगनाऔ का साहस और शाहदत रंग लायी और सन् 1947 में भारत माँ की गुलामी की बेड़ियाँ तोड़ दी भारत के सपूतों ने भारत को एक आजाद कल देकर। मैं उन सभी वीरों और वीरागनाओं को शत् शत् नमन करती हूँ जिनकी बदौलत आज हम सब आजाद भारत में साँस ले पा रहे है। नमन है सब वीर और वीरांगनाओं को शत् शत् नमन है बारंबार नमन है।
                पारुल शर्मा #gif स्वतंत्र भारत की सुबह के लिये कितने ही देशवासियों ने अपनी आँखें बंद कर ली,कितने ही लाल भारत माँ की गोद में हमेशा के लिये सो गये,कितने ही वीर शहीद हो गये कितने ही वीरों और वीरांगनाऔ के लहू से लथपथ हो गयी थी गुलाम भारत की धरती पर उस समय शहीदों के वदन को तिरंगे में लिपटने का सौभाग्य प्राप्त न था जब शहीदों का देश पर कुर्वान शरीर देश की माटी को छू लेता था तो उसका जीवन व शहीद होना दोंनो सार्थक हो जाते और भारत माँ उन्हें अपने हाथों में लिये चीखती कि कब उसके लाल और लालियों कि कुर्बानियाँ रुकेंगी कब आजादी की सुबह होगी। और आखिरकार वीरों और वीरांगनाऔ का साहस और शाहदत रंग लायी और सन् 1947 में भारत माँ की गुलामी की बेड़ियाँ तोड़ दी भारत के सपूतों ने भारत को एक आजाद कल देकर। मैं उन सभी वीरों और वीरागनाओं को शत् शत् नमन करती हूँ जिनकी बदौलत आज हम सब आजाद भारत में साँस ले पा रहे है। नमन है सब वीर और वीरांगनाओं को शत् शत् नमन है बारंबार नमन है।
                पारुल शर्मा
भारत माता की जय
इंकलाब जिंदाबाद
वंदे मातरम्
जय हिंद
जय भारत
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Parul Sharma

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