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तेरा चेहरा मैने सम्हाल रखा इसे कही और से निकाल रखा

तेरा चेहरा मैने सम्हाल रखा
इसे कही और से निकाल रखा है
तुम्हे लगता होगा ये मेरा तो नही
लेकिन इतना तो लगा कि ये तेरे जैसा है
इसीलिए तो इसे चुपके से निकाल रखा है
तुझे नही लगा सकता अपने वाल पर
डरता हूँ कही तू बदनाम न हो जाये
मुझे दिल की लिखनी थी तुझे बताना भी था
तुझे मेरा इश्क जताना भी था
कहना था तुझे बहुत भुलाना चाहा
अपने भोले से मासूम दिल को मनाना चाहा
बात बनी नही तो तेरे जैसा चेहरा ढूंढ लाया
उसे देख कर तुझे लिख रहा हूँ
उम्मीद की तू मुझे समझ पाओगी
अगर हो सके तो आकर मिलना
न मिली तो भी कोई बात नही
 बस एहसासों को जिंदा रखना
जिससे कि मैं खुद के करीब और करीब
महशुस करता रहू करता रहूँ करता रहूं

©ranjit Kumar rathour
  तेरे चेहरे से
# तुझे मिलती है
#एहसासों में जिंदा रहे

तेरे चेहरे से # तुझे मिलती है #एहसासों में जिंदा रहे #कविता

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