Nojoto: Largest Storytelling Platform

मैं धूप की तपन सा हूँ, तुम छाँव बन जाना, मेरे ठिठु

मैं धूप की तपन सा हूँ, तुम छाँव बन जाना,
मेरे ठिठुरते हुए सपनों के, तुम पाँव बन जाना।

बिखर रहा हूँ मंज़िल को, पाने की होड़ में,
जो आऊँ मैं तेरे पास, तुम ठहराव बन जाना।

करता हूँ अपने गीत और, गज़ल तेरी नज़र,
मेरी ज़ुबाँ से निकले शब्दों के, तुम भाव बन जाना।

मैं एक ठहरा हुआ पत्थर हूँ, नदिया के तीर का,
मुझसे मिलने नदी के नीर का, बहाव बन जाना।

इस दुनिया की चकाचौंध में, बस राग- द्वेष है,
मुझे भिगोकर अपने प्रेम में, तुम लगाव बन जाना।

थक सा गया हूँ शहरों की, इस भाग- दौड़ में,
अपने आँचल की ठंडी छाँव ले, तुम गाँव बन जाना।।

🍁🍁🍁

©Neel
  #तुम छाँव बन जाना 🍁
archanasingh1688

Neel

Silver Star
Growing Creator

#तुम छाँव बन जाना 🍁 #शायरी

2,986 Views