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तुम्हें खोना पाना फिर पाना मेरी इतनी औकात कहां तुम

तुम्हें खोना पाना फिर पाना मेरी इतनी औकात कहां तुम्हारा होकर किसी और का हो जाना मेरी इतनी औकात कहां बहाना बनाना तुम्हें खूब आता है पता है मुझे यह बात तुम्हारी आंखों में देख कर कह पाते मेरी इतनी औकात कहां यूं तो एक पल काफी है किसी को याद करने के लिए मेरा तुम्हें याद आना मेरी इतनी औकात, कहां हमारी मोहब्बत ऐसी है तुम्हारे पीछे नंगे पैर दौड़ जाएं मेरे, पैर जल जाएं तुम्हें ख्याल आए मेरी इतनी औकात कहां।

Kartik ki Ek Tarfa Mohabbat

©Mukesh gupta
  Ek Tarfa Mohabbat
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Mukesh gupta

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Ek Tarfa Mohabbat #विचार

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