नींद मीठी नींद सभी को प्यारी सपनों से है इसकी यारी दिन में भी आ जाती अक्सर मगर है इसकी रात दुलारी कम आती है जिसे वो रोता ज्यादा आती खूब है सोता बिना बुलाये जब आती है ठन्ढे़ पानी से मुँह धोता मगर चिकित्सक कहतें है दोनों रूप में है बीमारी कोई नींद की गोली खाता तब जाकरके वह सो पाता कोई बिस्तर पर करवट लेता कोई जमीं पर ही सो जाता चिंता से यह दूर भागती थकने पर यह पड़ती भारी अच्छी नींद है बहुत जरूरी कभी कभी ना होती पूरी कभी समय ऐसा आ जाता होती जगने की मजबूरी जब भी यह आँखों में आती हुई बंद पलकें बेचारी बहुत सलोनी इसकी दुनियाँ इसमें आतीं सुंदर परियाँ मगर डराती कभी कभी यह भूत प्रेत की दिखती छवियाँ मगर पास जब आए बेखुद सोने की करिए तैयारी ©Sunil Kumar Maurya Bekhud #नींद