है उनको मुझसे भी बे इन्तहा मोहब्बत, अपनी कातिल निगाहों से जताया करते है। नही रह सकते है वो भी तो हमारे बिना, भीगे अधरों से वो हमको बताया करते है।। अपनी गुस्ताख़ी नज़रों से वो हमें देखते है, कह कर भी वो बहुत कुछ छुपाया करते है। कैसे कह दूँ मैं, बिन हमारे वो बहुत ख़ुश है, आँखों से वो अपने आँसू छुपाया करते है।। नही रहते है वो हमारे साथ एक भी पल, पर हर क्षण हमारा साथ निभाया करते है।। जैसे मैं हूँ अकेली वैसे वो भी तो है अधूरे, अधूरेपन मे वो अपनी याद दिलाया करते है।। ♥️ Challenge-579 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।