जिस सिमरत सभ किलविख नासे पितरी होये उद्दारो।।सो हर हर तुम सद ही जापो जा का अंत न पारो।। अर्थ:- गुरु साहिब जी फ़रमान कर रहे हैं जिसके स्मरण मात्र से सारे विकार व कष्ट मन के दूर हो जाते हैं और पितरो का भी उद्धार हो जाता है ऐसे परमेश्वर प्रकाश को तुम नेत्रों से देखो यानी निहारो यानी जापो जिस ब्रह्मण्डी ऊर्जा का कोई ओर छोर नहीं है।। ©Biikrmjet Sing #पितरों_का_उद्धार_कैसे_हो