इश्क़-ए-RAAS: एक अधूरी किताब
"कुछ मोहब्बतें मुकम्मल नहीं होतीं,
कुछ दास्तानें लिखी तो जाती हैं, मगर पूरी नहीं होतीं।
इश्क़ जब क़िस्मत से लड़ता है,
तो या तो अफ़साना बन जाता है, या अधूरी किताब रह जाता है।"
"RAAS" की यह कहानी भी कुछ ऐसी ही है... #ghazal#poem#Galib#Shaayari#hunarbaaz