छुप छुप कर क्या करना,शान से करों तुम कोई चोरी नहीं है,तुम शादी कर रहीं हो..! किसी और का खौफ़ दिख रहा है तुममें कुछ गलत किया है क्या,जो डर रहीं हो.! किसके मुक़ददर में हो तुम,ख़ुदा जानता है किसी से वादा करके, दूसरा ढूढ़ रहीं हो.! मुझे दुःख नहीं है अब हसीं आती है तुमपे इतनी मुहब्बत बर्दास्त नहीं,यें कर रहीं हो.! जाओ उसका कम से कम साथ देना तु मेरा तो मुझे पता है,जो आज कर रहीं हो.! किसी से जबरदस्ती मुहब्बत नहीं होती तुम जाना चाहे रोकू मैं, ऐसा सोच रहीं हो..! मुस्तक़बिल ख़ुदा तय करता है शायद ज़लील होके भी देखा,नहीं मान रहीं हो..!! ©Shreyansh Gaurav #Ring शायरी लव