जब हमारी कविताओ पे, हमारी भावनाओं पे, राजतंत्र हावी होने लगे, जब इंसानियत और ईमानदारी, भृष्ट कंधों पे सोने लगे, जब हमारी नज्म, हमारी नब्ज, गलत हाथ टटोलने लगे, छोड़ ऐसा मंच सड़क पे आ जाईए, शायद अब यह ही वक्त की पुकार है। ©Harvinder Ahuja # Beware of Corrupt People #election