Alone एक साथ बैठे हुये अरसा हुआ डरते हुए , समय देखा है तुमने कितना समय हुआ इनसे लड़ते हुए , ये जालिमों का ठिकाना है यहा सबको फर्जी समाज बचाना है , चलो मिल लेते हैं सबके सामने एक बार बैंठ कर कर लेते हैं बाते दो चार, इन बुदजिलो को क्या पता मोहब्बत है सबसे पाक , कोई बात नही ऐ जालिमों हम आखरी नही है जमाने मे और भी आएंगे हमारे बाद ।। नितेश सिंह यादव समाज my old poetry 2019