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जो बूंद तेरे चेहरे से आब की, मैंने पिछली बरसात में

जो बूंद तेरे चेहरे से आब की,
मैंने पिछली बरसात में चुरा ली थी ।
इस बरसात में लौटाने को,
अब तलक रखी है मुझमें कहीं । #aab
जो बूंद तेरे चेहरे से आब की,
मैंने पिछली बरसात में चुरा ली थी ।
इस बरसात में लौटाने को,
अब तलक रखी है मुझमें कहीं । #aab