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सूर्य प्रताप सिंह शक्तावत

तेरी खोज में भटकता मुसाफिर हूँ, शब्दो से दोस्ती हैं क्योंकि वो कुछ ठहराव देते हैं।

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सूर्य प्रताप सिंह शक्तावत

आगाज़ तो कर अंजाम भी आएगा,
अंधेरो में बस तेरा ही चराग जगमगाएगा ।
यूं तो समंदर में भी प्यासे मर जाते हैं लोग,
शुरूआत तो कर ज़माने को तेरा इश्तियार जाएगा ।

8 Love

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सूर्य प्रताप सिंह शक्तावत

आगाज़ तो कर अंजाम भी आएगा,
अंधेरो में बस तेरा ही चराग जगमगाएगा ।
यूं तो समंदर में भी प्यासे मर जाते हैं लोग,
शुरूआत तो कर ज़माने को तेरा इश्तियार जाएगा ।
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सूर्य प्रताप सिंह शक्तावत

तूझे खोजूँ तो कैसे खोजूँ ,
तुम चीनी सी घुल जाती हो ।
होंठो से लगती हो जैसे ही,
नस - नस में मिल जाती हो ।
छूती हो जैसे ही मुझको,
परछाई तक मिल जाती है ।
हूँ कितना मैं खुद का खुद में,
फिर बात समझ ना आती है । #Love #poetry
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सूर्य प्रताप सिंह शक्तावत

जो बूंद तेरे चेहरे से आब की,
मैंने पिछली बरसात में चुरा ली थी ।
इस बरसात में लौटाने को,
अब तलक रखी है मुझमें कहीं । #aab

3 Love

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सूर्य प्रताप सिंह शक्तावत

लगी तलप तेरी तो मैं धुँआ धुँआ हो गया,
और मेरा ज़र्रा ज़र्रा प्यासा कुआँ हो गया,
एक कश में बुझा लेता प्यास गर तू सिगार होती,
पर मैं मृग सा अपनी ही कस्तूरी का शिकार हो गया । #cigar

5 Love

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सूर्य प्रताप सिंह शक्तावत

घूंघट में चाँद घूंघट के हट जाने से मेरे चाँद का दीदार होता है,
फिर वार कोई भी हो मेरा तो 'इतवार' होता है ।

मुखड़ा देखकर उसका मैं घायलों सा कराहता नहीं,
पर जब तक वो घूंघट ना ओढ़ ले मैं होश में आता नहीं #MyMoon #Ghoongat
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सूर्य प्रताप सिंह शक्तावत

#Love #pure #1st

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सूर्य प्रताप सिंह शक्तावत

बेइन्तहा मोहब्बत का कोई मुकाम नहीं होता,
दिलों में बहती है वो कोई ठहराव नहीं होता, 
बाँध ले एक दूसरे को अगर बन्दिशों में तो,
वो प्यार कभी प्यार नहीं होता । #Bounless
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सूर्य प्रताप सिंह शक्तावत

मेरी तन्हाइयों ने मुझमें तुझे जगाया है,
जब तू ना थी साथ तब भी, तुझे मुझसे मिलाया है ।
तू ज़िन्दगी मैं है ये मेरे सपनों जितना ही खूबसूरत है,
क्योकि तेरी यादो से ही मैंने सपनो का संसार बनाया है । #यादें #Yaad #Love
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सूर्य प्रताप सिंह शक्तावत

सुबह की पहली चाय बन कर नींद से जगाती हो,
मोहब्बत वाला कप बनकर होंठो से लग जाती हो ।
खुशबू इलायची और स्वाद अदरक सा है तेरा,
पीते ही तुम मेरी नस- नस में घुल जाती हो । #सुबह_की_चाय_और_तुम
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