तलब है अमृत पीने की पर ज़हर पीता हुँ , कैसे कहूँ तेरे बगैर कैसे जीता हुँ। ये जो टिमटिमाते सितारों से सजा आस्मां है न, उसके पीछे बहुत अँधेरा है, वही कही घर बनाकर वीरानी में जीता हूँ, तलब है अमृत पीने की पर ज़हर पीता हूँ । ©Shivam Pandey Khyal 😑 सत्य Lipsita Palei #talab