ना उम्मेदगी मे भी एक उम्मीद बाकी है, मुझमे तू अब भी कही बाकी है। तेरी खुशबुए आ जाती है उड कर हवाओ के साथ, येही सबब है की मुझमे अब तक सांस बाकी है। तू जहा भी हो , थोड़ा मलाल तो तुझे भी होना चाहिये, मेरे जिस्म पर अभी तेरे निशान बाकी है। कुछ साल ही किये है अभी बर्बाद हमने, अभी पूरी जिंदगी बाकी है। ये शोखिया जाती ही नही हम से , और लोग सोचते हैं हम अभी भी बाकी हैं। ©Rohit Bairag baaki hai